गौतम बुद्ध धर्म के पहले वैज्ञानिक हैं। उनके साथ श्रद्धा और आस्था की जरूरत नहीं है। उनके साथ तो समझ पर्याप्त है। अगर तुम समझने को राज़ी हो तो तुम बुद्ध की नौका में सवार हो जाओगे। अगर श्रद्धा भी आएगी तो समझ की छाया होगी। लेकिन समझ के पहले श्रद्धा की मांग बुद्ध की नहीं है। बुद्ध यह नहीं कहते कि जो मैं कहता हूँ, भरोसा कर लो। वह सोचने, विचारने और जीने पर जोर देते हैं।

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